हनुमान चालीसा #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

  हनुमानचालीसा भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। जय "श्री हनुमान" जी जय "श्री राम" #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

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महबूब मेरे, महबूब मेरे तु है तु दुनिया कितनी हसीं है




















महबूब मेरे, महबूब मेरे
तु है तु दुनिया कितनी हसीं है
जो तु नहीं तो, कुछ भी नहीं है

तु हो तो बढ़ जाती है कीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखें हैं शोला शबनम की
यहीं मरना भी है मुझको, मुझे जीना भी यहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...

अरमां किसको जन्नत की रंगीं गलियों का
मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का
जहाँ पर हैं तेरी बाहें, मेरी जन्नत भी वहीँ है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...

रख दे मुझको तु अपना दीवाना कर के
नजदीक आ जा फिर देखूं तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझसा नहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...
#rajeshdahiya
चित्रपट : पत्थर के सनम (1968)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक : मुकेश, लता मंगेशकर

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