हनुमान चालीसा #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

  हनुमानचालीसा भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। जय "श्री हनुमान" जी जय "श्री राम" #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

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ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है – Ae Nargis-e-Mastana (Arzoo)









ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है – Ae Nargis-e-Mastana (Arzoo)

फ़िल्म: आरज़ू / Arzoo (1965)
गायक/गायिका: मोहम्मद रफ़ी
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गीतकार: हसरत जयपुरी
अदाकार: फ़िरोज़ खान, राजेंद्र कुमार, साधना




 ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना (बस इतनी शिकायत है) – 2
समझा हमें बेगाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हर राह पर टकराए हर मोड़ पर घबराए – 2
मुँह फेर लिया तुमने हम जब भी नज़र आए – 2
हो हमको नहीं पहचाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हो जाते हो बरहम भी बन जाते हो हमदम भी
ऐ साक़ी-ए-मैख़ाना शोला भी हो शबनम भी – 2
हो खाली मेरा पैमाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हर रंग क़यामत है हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना ये हुस्न की आदत है – 2
हाय आता नहीं बहलाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…





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