on
Dharm
हनुमानचालीसा भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। जय "श्री हनुमान" जी जय "श्री राम" #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली
- Get link
- X
- Other Apps



Comments
Post a Comment