हनुमान चालीसा #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

  हनुमानचालीसा भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। जय "श्री हनुमान" जी जय "श्री राम" #ॐ_हं_हनुमंते_नमः #जय_बजरंगबली

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'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' : 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में : #Razakar – Silent Genocide of Hyderabad at the 55th International Film Festival of India

इतिहास ने वैश्विक मंच पर छाप छोड़ी: 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित "यटा सत्यनारायण"


 
55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हुई है। प्रसिद्ध निर्देशक यटा सत्यनारायण को उनकी पहली फिल्म 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित किया गया है।

फिल्म की कहानी और महत्व
'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' भारतीय इतिहास के एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण अध्याय पर आधारित है। फिल्म ने हैदराबाद के विभाजन और उसके दौरान हुई हिंसाओं को सजीव रूप से चित्रित किया है। सत्यनारायण ने अपनी उत्कृष्ट निर्देशन क्षमता के जरिए इस ऐतिहासिक घटना को एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है।

यटा सत्यनारायण की प्रतिक्रिया
नामांकन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए यटा सत्यनारायण ने कहा, "यह मेरे लिए और मेरी पूरी टीम के लिए गर्व का क्षण है। 'रज़ाकार' सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह हमारी ऐतिहासिक सच्चाइयों को दुनिया के सामने लाने का एक प्रयास है। मुझे खुशी है कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।"

फिल्म फेस्टिवल और नामांकन की अहमियत
IFFI दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में से एक है, जहां दुनियाभर की बेहतरीन फिल्में और प्रतिभाएं सम्मानित की जाती हैं। यटा सत्यनारायण का इस प्रतिष्ठित मंच पर नामांकन भारतीय सिनेमा के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।

प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
यटा सत्यनारायण और उनकी फिल्म को नामांकन मिलने के बाद प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री में खुशी की लहर है। फिल्म समीक्षकों का मानना है कि यह फिल्म न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को उजागर करती है, बल्कि इसे कला के रूप में प्रस्तुत कर एक नया मानक भी स्थापित करती है।

55वें IFFI में भारतीय सिनेमा का गौरव
इस नामांकन ने भारतीय सिनेमा के लिए एक नई उम्मीद जगाई है और यह साबित किया है कि भारतीय फिल्में अब वैश्विक मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।

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